मिशन या उद्देश्य
बरगद अमृत संगठन का लक्ष्य ग्रामीण स्तर पर नेतृत्वकर्ताओं का एक नेटवर्क तैयार करना है जो ‘सबका प्रयास’ को बढ़ावा देगा।
देवरिया-कुशीनगर क्षेत्र की माटी में असीम ऊर्जा है। हर व्यक्ति के अंदर छिपी हुई हनुमत शक्ति को जगाने के लिए बरगद अमृत संगठन प्रेरित करने का कार्य करेगा। यह सामाजिक संगठन अमृतकाल में विकसित देवरिया-कुशीनगर के संकल्पों में भागीदारी करेगा। यह संगठन स्वामी विवेकानंद जी के सांस्कृतिक उत्थान की भावना जिसको आदरणीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानवाद में ढाला और इसे धरातल पर उतारने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संकल्प लिया है, इन्ही से प्रेरित है।
अमृतकाल में हर नागरिक के जीवन में अर्थ का संचार इस संगठन के मूल सिद्धांतों में निहित है, जो सबके प्रयास से अपने क्षेत्र को विकसित बनाने के संकल्प को पूरा करेगा। पूर्वांचल क्रांति की धरती रही है, इस माटी में नवाचार की अद्भूत शक्ति है। राष्ट्र निर्माण के लिए एक एक नागरिक में मंगल पांडेय और रानी लक्ष्मी बाई बनने की क्षमता है।
इसलिए इस संगठन ने मंगल अमृत सेनानी और लक्ष्मी अमृत सेनानी को जोड़ा है जो बदले में अपने स्थानीय समुदायों में अर्थ (संस्कृति), EARTH (प्रकृति) और अर्थ (भौतिक) पहुंचाने के लिए अन्य सेनानी और नागरिकों को जोड़ रहा है। इस संगठन का सारथी वह है जो अपनी माटी से स्नेह करता है, दिन-रात अपने क्षेत्र को गौरवान्वित करने की सोचता है। खुद के साथ साथ दूसरों के जीवन में खुशहाली लाने की कोशिश में लगा रहता है। अपने गांव की नकारात्मकता को खत्म कर उसे तरक्की पसंद बनाने की सोचता है। अपने जिले, क्षेत्र और गांव में सांस्कृतिक, आर्थिक, प्राकृतिक विरासत को समृद्ध करता है। यह संगठन विशुद्ध रुप से सामाजिक संगठन है जो सभी जाति, पंथ या लिंग से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण के प्रयास में प्रत्येक नागरिक की समान भागीदारी चाहता है।
देवरिया-कुशीनगर