बरगद अमृत संगठन का लक्ष्य ग्रामीण स्तर पर नेतृत्वकर्ताओं का एक नेटवर्क तैयार करना है जो 'सबका प्रयास' को बढ़ावा देगा। देवरिया-कुशीनगर क्षेत्र की माटी में असीम ऊर्जा है। और पढ़ें...
बरगद अमृत संगठन, देवरिया के बरपार गांव के विशाल बरगद से प्रेरित है, जो हमारा राष्ट्रीय वृक्ष भी है और जो साक्षात स्वरूप में अर्थ (संस्कृति), EARTH (प्रकृति) और अर्थ (भौतिक) का प्रतीक है। और पढ़ें...
हम कल्पना करते हैं कि 5-10 साल में यह संगठन स्थानीय और जिला स्तर पर सबके प्रयास के माध्यम से विकास का एक नया प्रवाह तैयार कर सकता है। राष्ट्र निर्माण में सामान्य नागरिकों को शामिल करने से उनके जीवन में भी मूल अर्थ की सार्थकता आयेगी। और पढ़ें...
बरगद अमृत संगठन का उद्देश्य लोगों और समाज को सशक्त बनाना है, और मानव क्षमता को बढ़ाकर विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करना इसका लक्ष्य है। हमारा मानना है और पढ़ें...
संस्थापक संदेश
मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे देवरिया-कुशीनगर के नागरिकों के जीवन में ‘अर्थ’ संचार करने का मेरा संकल्प अब ‘बरगद अमृत संगठन’ नाम के नेटवर्क में तब्दील हो चुका है। यह सामाजिक संगठन युवाओं, महिलाओं, किसानों, गरीबों, व्यापारियों और उद्यमियों को उनकी क्षमताओं के साथ उनकी ऊर्जा का एहसास कराने के लिए प्रेरित करेगा। ग्रामीण स्तर पर विकास के लिए मंगल अमृत सेनानी और लक्ष्मी अमृत सेनानियों का नेटवर्क, देवरिया-कुशीनगर में स्वामी विवेकानंद जी के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, आदरणीय दीन दयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अमृतकाल के आह्ववान के विचारों को आगे बढ़ाएगा। यह संगठन मेरे क्षेत्र के 25 लाख नागरिकों की मानव क्षमता को जागृत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। मैंने आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के ‘सबका प्रयास’ के आह्वान को आत्मसात किया है, इसलिए यह सामाजिक संगठन इस विचार को गति के साथ ‘सबका विकास’ पर केंद्रित रहेगा। हमारे क्षेत्र के 1050 गांवों में मंगल और लक्ष्मी अमृत सेनानियों का समूह तैयार करके, उद्यमिता के माध्यम से अंत्योदय की भावना को जमीन पर क्रियान्वित किया जाएगा।
17 साल पहले मैंने जागृति यात्रा के माध्यम से जागृति की शुरुआत की थी, यह अबतक पूर्वांचल के 7 जिलों में फैली हुई है, इन केंद्रों के माध्यम से उद्यमिता का जिला स्तरीय नेटवर्क तैयार हो रहा है। अब बरगद अमृत संगठन के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर मंगल और लक्ष्मी अमृत सेनानी मानव क्षमता को ऊपर उठाने का काम करेंगे, जिससे नागरिकों के जीवन में ‘अर्थ’ का संचार होगा। इस प्रक्रिया में अर्थ, EARTH, अर्थ यानि पर्यावरण, आर्थिक और सांस्कृतिक तत्वों की खोज करके उसपर काम करेंगे।
कृपया आप भी इस संगठन से जुड़ें क्योंकि यह आपको एक ऐसे सामाजिक नेटवर्क का हिस्सा बनाएगा जो हमारे देवरिया-कुशीनगर में विशाल मानवीय क्षमता को ऊपर उठाना चाहता है। यह विकसित देवरिया-कुशीनगर के मिशन के साथ-साथ माननीय प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अर्थ(संस्कृति), EARTH(प्रकृति), अर्थ(भौतिक)
बरगद अमृत संगठन का दर्शन स्वामी विवेकानंद के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के अमृतकाल के आह्वान और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद के मूल्यों से प्रेरित है, जो अंत्योदय के माध्यम से अंतिम व्यक्ति तक विकास ले जाना चाहते थे। इस संगठन के संस्थापक माननीय सांसद श्री शशांक मणि के ARTH ( प्रकृति) , EARTH (आर्थिक) और ARTH ( संस्कृति) के सामाजिक दृष्टिकोण से प्रेरित है जहां हम अर्थ को आगे बढ़ाना, प्रकृति की रक्षा करना और देश के छोटे शहरों और गांवों में एक सकारात्मक नेटवर्क के माध्यम से आर्थिक अवसर लाना चाहते हैं, जैसा कि श्री शशांक मणि जी की पुस्तक ‘अमृत काल का भारत’ में बताया गया है। उन्होने लिखा है कि
विकसित भारत
इस सामाजिक संगठन के माध्यम से एक ऐसा नेटवर्क बनाने का लक्ष्य है जो सबके प्रयास के माध्यम से देवरिया-कुशीनगर के सभी गांवों और कस्बों में समग्र विकास को मिशन की तरह आगे ले जाए। देवरिया-कुशीनगर में प्रत्येक नागरिक स्थानीय स्तर पर अपनी मूल्यों के साथ जुड़ा है। और अपने स्थानीयता में ही अर्थ की तलाश करता है। यह संगठन उस व्यक्ति में ARTH(प्रकृति), EARTH (भौतिक), ARTH (संस्कृति) के माध्यम से उसे अवसर देने में मदद करेगा। संगठन के पूर्ण रुप से जिले में स्थापित होने के बाद इसे देश के अन्य हिस्सों में भी विस्तारित किए जाने का लक्ष्य है।
विकसित देवरिया,कुशीनगर
अर्थ(संस्कृति)
पूर्वांचल की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराएं हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। बरगद अमृत संगठन सांस्कृतिक शिक्षाओं और परंपराओं के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है।
EARTH(प्रकृति)
पूर्वांचल के आर्थिक विकास के लिए बरगद अमृत संगठन का लक्ष्य क्षेत्र में उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और आर्थिक अवसरों का विस्तार करना है।
अर्थ (भौतिक)
पूर्वांचल के आर्थिक विकास के लिए बरगद अमृत संगठन का लक्ष्य क्षेत्र में उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और आर्थिक अवसरों का विस्तार करना है।
आगामी कार्यक्रम
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बरगद अमृत संगठन का लक्ष्य ग्रामीण स्तर पर नेतृत्वकर्ताओं का एक नेटवर्क तैयार करना है जो ‘सबका प्रयास’ को बढ़ावा देगा।
हमारे प्रायोजक
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संस्थापक
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सह-संस्थापक व निदेशक
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कम्युनिकेशन निदेशक
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देवरिया-कुशीनगर